अचानक lunch break की घंटी बज गई और चिंटू को वहाँ से भागने का मौका मिल गया जो की वह चहां भी रहा था .
अपने लंच बॉक्स को लेने के लिए चिंटू अपनी seat की ओर भाग खढा हुआ, लेकिन इस से पहले कि वह वहाँ से बाहर जा पाता,
उसके म्यूजिक टीचर ने उसे वापस आने को कहा.
जब सब चले गए तब चिंटू अपने टीचर के पास आया और उन्हें देखे बगैर बड़ी ही मासूमियत से बोला, “सॉरी सर, मैं बिलकुल नहीं गा सकता.”
“चिंटू तुम इस बात की बिलकुल भी चिंता मत करो. मैं जानता हूं कि तुम लोगों के सामने घबरा गए थे, लेकिन तुम मेरी बात याद रखना तुम्हें अपने डर को एक चुनौती के रूप में लेना होगा,
जो दूर हो जाएगा. अपने डर को कभी भी आपने ऊपर इतना हावी न होने दो.”
चिंटू ने अपनी गलती मानते हुए कहा: “लेकिन सर, मैं इतना डर जाता हूं कि सोचता हूं अगर मैं शब्द भूल गया तो क्या होगा?
क्या होगा जब किसी को आवाज ही पसंद नहीं आयी या मेरे गाने का तरीका ही पसंद नहीं आया तो ?”
चिंटू को हिम्मत देते हुए उसके टीचर ने कहा: “मैं तुम्हारे डर को समझ सकता हूं, लेकिनअगर तुम गाने का प्रयास ही नहीं करोगे , तो कुछ कैसे जान सकोगे.
जब तुम गाना गाओगे तो तुम्हें अपने सवालो के जवाब खुद पे खुद मिल जाएंगे,”
चिंटू ने अपना सिर हिलाते हुआ कहा जी सर, और उसका मन भी कह रहा था की म्यूजिक टीचर सही कह रहे थे, लेकिन वह अभी भी बहुत डरा हुआ था.
म्यूजिक टीचर ने पूछा: “Annual Day वाले दिन मैं तुम्हें मंच पर ले जाऊं तो कैसा रहेगा?”
चिंटू को लगा कि वही अकेला मंच पर perform नहीं करेगा, उसके साथ और भी बच्चे perform करेंगे.
उस ने कहा, “यह बहुत अच्छा रहेगा सर, फिर हम कब प्रैक्टिस शुरू करें?”
टीचर ने कहा: “कल से”
फिर चिंटू ने अगले दिन से रोज practice करना शुरू किया. अब event वाले दिन चिंटू और उसके टीचर मंच पर आए और वहाँ बैठे लोगो ने उन का जोरदार welcome किया,
लेकिन चिंटू अब भी घबराया हुआ था. टीचर ने उस से कहा कि सिर्फ कागज़ पर ध्यान लगाए रखना.
यह जान कर कि टीचर उसके पास खडे हैं.
चिंटू ने gaana शुरू किया. उसे सर भी उसका साथ दे रहे थे |
जब उन्होंने दूसरा गाना gaana शुरू किया तो चिंटू अपनी आँखें बंद किए हुए था वो गाने में इतना डूब गया कि उसे पता ही नहीं चला कि कब उसके सर उसे मंच पर अकेला छोड़ कर चले गए.
उस ने पूरा गाना अकेले गाया और अच्छी performance दी.
जब उस ने आँखें खोली तो देखा कि सब लोग खड़े हो गए थे और उस की performance पर तालियां बजा कर उसे शाबाशी दे रहे थे.
जब चिंटू ने अपने चारों ओर देखा तो टीचर को मंच के बगल में मुसकराते हुए खड़ा पाया तो वह Speechless रह गया.
हर कोई चिंटू का अभिवादन कर रहा था और वह काफी खुश था. उसने जोरदार मुसकान के साथ सभी का अभिवादन सुकार किया और धन्यवाद कहा
अब वो यह बात समझ गया था कि परफॉरमेंस के बीच में ही उसके सर उसे मंच पर अकेला छोड़ कर क्यों चले गए थे.
वह उनके पास गया और बोला, “सर, प्रोतसहित करने के लिए आप का कोटि-कोटि धन्यवाद.”
टीचर ने कहा: “में तोह पहले से ही जानता था तुम्हारे अंदर उत्साह और हुनर पहले से था, बस उसे सिर्फ बाहर निकालने की जरूरत थी,”
अब चिंटू का जो डर था वो लोगों के सामने गाने से दूर हो चुका था. उसने अपने डर पर विजय पा ली थी. और अब वह बहुत खुश था.
जब उस ने आँखें खोली तो देखा कि सब लोग खड़े हो गए थे और उस की performance पर तालियां बजा कर उसे शाबाशी दे रहे थे.
म्यूजिक टीचर ने कहा: “में तो पहले से ही जानता था तुम्हारे अंदर वो हुनर है, बस उसे सिर्फ बाहर निकालने की जरूरत थी,”
जब चिंटू ने अपने चारों ओर देखा तो टीचर को मंच के बगल में मुसकराते हुए खड़ा पाया तो वह Speechless रह गया.
हर कोई चिंटू का अभिवादन कर रहा था और वह काफी खुश था.
उसने जोरदार मुसकान के साथ सभी का अभिवादन सुकार किया और धन्यवाद कहा
अब वो यह बात समझ गया था कि परफॉरमेंस के बीच में ही उसके सर उसे मंच पर अकेला छोड़ कर क्यों चले गए थे.
वह उनके पास गया और बोला, “सर, प्रोतसहित करने के लिए आप का कोटि-कोटि धन्यवाद.”
अब चिंटू का जो डर था वो लोगों के सामने गाने से दूर हो चुका था.